141080. هَايِف1 141081. هَايِلَة1 141082. هَايْمان1 141083. هبّ1 141084. هب5 141085. هَبْ أنّي1141086. هَبّ الرِّيَاح1 141087. هَبَّ 1 141088. هبء1 141089. هبأ2 141090. هبا8 141091. هَبَا2 141092. هِبَا1 141093. هِبَا الله1 141094. هباء2 141095. هَبَّاء1 141096. هَبَاء1 141097. هَبَائلي1 141098. هِبَاب1 141099. هبات1 141100. هَبَّاج1 141101. هَبَّادِيّ1 141102. هَبَّازِيّ1 141103. هَبّاش1 141104. هبّاط1 141105. هَبّاط1 141106. هَبَّال1 141107. هُبَالَةُ1 141108. هَبَّالَة1 141109. هُبَالَة1 141110. هَبَالَة1 141111. هَبَاهِب1 141112. هبايب1 141113. هَبَبَ1 141114. هبب11 141115. هبة2 141116. هِبَة1 141117. هِبَة الله1 141118. هَبَتَ1 141119. هبت12 141120. هَبِت الله1 141121. هَبَتَ 1 141122. هبتر1 141123. هبث6 141124. هَبَثَ 1 141125. هَبَجَ1 141126. هبج13 141127. هَبَجَ 1 141128. هبجه2 141129. هبخ6 141130. هَبَخَ 1 141131. هَبَدَ1 141132. هبد11 141133. هَبَدَ 1 141134. هَبْدَة1 141135. هَبَديّ1 141136. هبذ7 141137. هَبَذَ 1 141138. هَبَذَاء1 141139. هَبَرَ1 141140. هبر12 141141. هَبَرَ 1 141142. هَبْراثانُ1 141143. هَبْرَاثان1 141144. هَبَراجِي1 141145. هَبِرَان1 141146. هَبْرَة1 141147. هبرث1 141148. هبرثن1 141149. هبرج6 141150. هبرد3 141151. هبردانة1 141152. هبرز4 141153. هبرس3 141154. هَبْرَسي1 141155. هبرق3 141156. هبرك4 141157. هبركع2 141158. هبركل2 141159. هبركن1 141160. هبرم4 141161. هَبَرُوت1 141162. هَبَزَ1 141163. هبز6 141164. هَبَزَ 1 141165. هَبَزَتَان1 141166. هبس5 141167. هَبَسِيّ1 141168. هبش12 141169. هَبَشَ 1 141170. هبص6 141171. هَبَصَ 1 141172. هَبَصِيّ1 141173. هَبَصي1 141174. هبط20 141175. هبّط2 141176. هَبَطَ2 141177. هَبَط1 141178. هَبَطَ إلى1 141179. هبّط العِدل1 Prev. 100
«
Previous

هَبْ أنّي

»
Next
هَبْ أنّي
الجذر: هـ ب

مثال: هَبْ أنِّي سامحتك، ألن تعود؟
الرأي: مرفوضة
السبب: لمجيء «أنّ» ومعموليها بعد «هَبْ» سادَّةً مَسَدَّ مفعولَيه.

الصواب والرتبة: -هَبْ أنّي سامحتك، ألن تعود؟ [فصيحة]-هَبْنِي سامحتك، ألن تعود؟ [فصيحة]
التعليق: اختلفت آراء اللغويين حول وقوع «أَنْ» ومعموليها بعد «هب» فخَطّأ ذلك بعضهم، وذكر بعضهم أنه قليل، وصوَّب بعض ثالث هذا الاستعمال، وكان على رأس من صوَّبه مجمع اللغة المصري، الذي اعتمد في تصويبه له على ثلاثة أدلة، أولها: ما نقله الشهاب الخفاجي عن ابن بري من أنه غير ممتنع إذا جعل «هب» بمعنى احسب. ثانيها: اعتمادًا على ما جاء في المغني من وروده في إحدى مسائل الإرث وهي المسألة الحجرية، حيث قال أحد الإخوة الأشقاء لعمر (ض) عندما أراد إسقاطهم من الإرث وتوريث أخيهم من الأم: «هَبْ أنَّ أبانا كان حمارًا، هب أن أبانا كان حجرًا
... فأشْركنا بقرابة أمنا»، وقد ذكرت المعاجم هذا الشاهد، كما في اللسان (شرك). ثالثها: باعتبار «هَبْ» من الأفعال التي تتعدى إلى مفعولين، ومعروف أن هذه الأفعال تَسُدّ فيها «أن» ومعمولاها مسدّ المفعولين.
Learn Quranic Arabic from scratch with our innovative book! (written by the creator of this website)
Available in both paperback and Kindle formats.