86370. رحم18 86371. رَحِم1 86372. رُحْم1 86373. رَحَمَ1 86374. رحمٌ مَحْرَم1 86375. رَحِم وصَلَه اللهُ186376. رَحِمَ 1 86377. رُحَماءٌ1 86378. رَحْمات1 86379. رَحْمَانَة1 86380. رَحْمَانيّ1 86381. رَحْماني1 86382. رَحْماوي1 86383. رَحْمَة1 86384. رحمة1 86385. رَحْمَةُ الكريم1 86386. رَحْمَة الله1 86387. رحمت1 86388. رحمس2 86389. رحمن1 86390. رحمومة1 86391. رَحْمون1 86392. رَحْمونيّ1 86393. رُحْمَى1 86394. رَحْميّ1 86395. رَحْمِي1 86396. رَحْمِيَّة1 86397. رحميم1 86398. رحو4 86399. رَحْو1 86400. رحو ورحى1 86401. رَحْوَان1 86402. رَحَوَان1 86403. رَحُول1 86404. رَحُولَة1 86405. رَحُوم1 86406. رحُّومة1 86407. رَحُومَة1 86408. رحون1 86409. رحوني1 86410. رحى5 86411. رَحَى 1 86412. رحي6 86413. رُحَيّاتُ1 86414. رحْيَاض1 86415. رحيب1 86416. رَحِيبَة1 86417. رُحَيْبَة1 86418. رَحِيبِي1 86419. رُحَيْبِي1 86420. رُحَيّةُ1 86421. رَحِيح1 86422. رُحَيح1 86423. رحيد1 86424. رُحَيْضَةُ1 86425. رحيقه1 86426. رُحَيِّل1 86427. رُحَيْل1 86428. رَحيل1 86429. رُحَيْلة1 86430. رَحيلة1 86431. رُحيِّم1 86432. رَحِيم1 86433. رَحِيم الله1 86434. رَحِيما1 86435. رحيما1 86436. رُحَيْمة1 86437. رَحِيمة1 86438. رَحيمُو1 86439. رَحيميّ1 86440. رَحيمي1 86441. رحيمين1 86442. رَحِيمَيْن1 86443. رُخّ2 86444. رخ2 86445. رَخَّ 1 86446. رُخَا1 86447. رخا7 86448. رَخَا2 86449. رخّاءُ1 86450. رخاء2 86451. رُخَام1 86452. رُخّانُ1 86453. رَخانُ1 86454. رخاوي1 86455. رَخَاوِي1 86456. رَخْبَزٌ1 86457. رخبز2 86458. رخت2 86459. رَخْتَج أو راخْتَج1 86460. رَخْتَوانِيَة1 86461. رخج4 86462. رخَج1 86463. رُخَّجُ1 86464. رخَخَ1 86465. رخخ7 86466. رَخَخَ1 86467. رَخْد1 86468. رخد6 86469. رخَد1 Prev. 100
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رَحِم وصَلَه اللهُ

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رَحِم وصَلَه اللهُ
الجذر: ر ح م

مثال: الرَّحِم من وَصَله وصله الله
الرأي: مرفوضة عند الأكثرين
السبب: لمعاملة كلمة «رَحِم» معاملة المذكَّر، وهي مؤنَّثَة.

الصواب والرتبة: -الرَّحِم من وصلها وصله الله [فصيحة]-الرَّحِم من وصله وصله الله [صحيحة]
التعليق: ذكرت المعاجم القديمة والحديثة كالمصباح واللسان والتاج أن كلمة «رَحِم» مؤنثة بمعنييها: القرابة ومستودع الجنين في بطن أمه. فالجملة الأولى فصيحة لاشَكَّ في ذلك. ويمكن تصحيح الاستعمال المرفوض، الذي عوملت فيه الكلمة معاملة المذكر اعتمادًا على أنَّ الكلمة من المؤنث المجازي الخالي من علامة التأنيث، وهو نوع من المؤنث ذهب كثير من القدماء إلى جواز تذكيره، مثل المبرِّد وابن السكيت والأزهري، وقد حكي عن المبرِّد أنه كان يقول: «ما لم يكن فيه علامة تأنيث وكان غير حقيقي التأنيث فلك تذكيره»، وفي خاتمة المصباح: «والعرب تجترئ على تذكير المؤنث إذا لم يكن فيه علامة تأنيث»، فضلاً عن نصّ بعض المعاجم على أنها قد تُذَكَّر، ومنها الوسيط ومعجم المؤنثات السماعية.
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