87840. رُكُنٌ1 87841. ركن19 87842. رُكْن1 87843. رَكَنَ2 87844. رُكْن الدِّيْن1 87845. ركن الشيء187846. رَكَنَ على1 87847. رَكَنَ 1 87848. رَكْنَة1 87849. ركند1 87850. رُكْنِيّ1 87851. ركه3 87852. ركها1 87853. ركو9 87854. رَكَوَ 1 87855. رَكُوبَةُ1 87856. رَكُوبَة1 87857. رَكُوبيّ1 87858. ركود1 87859. رُكُود1 87860. رَكُود1 87861. رَكُوك1 87862. رَكُول1 87863. ركي3 87864. رُكَيْبَة1 87865. رَكِيبة1 87866. رَكِيّةُ لُقْمانَ1 87867. رُكَيْحٌ1 87868. رَكِيد1 87869. رُكَيْسَان1 87870. رَكيْكة1 87871. ركيكه1 87872. رُكَيْن1 87873. رَكِين1 87874. رَكِينَة1 87875. رلندا1 87876. رليده1 87877. رُمٌّ1 87878. رِمٌّ1 87879. رَمٌّ1 87880. رُمّ1 87881. رِمّ1 87882. رم6 87883. رمّ1 87884. رَمَّ 1 87885. رمء1 87886. رمأ6 87887. رَمَأَ1 87888. رَمَأَ 1 87889. رَمَا1 87890. رِماح1 87891. رِمَاح1 87892. رَمَّاح1 87893. رُمَاخ1 87894. رُمَاد1 87895. رَمَادانُ1 87896. رَمَّاس1 87897. رَمّاش1 87898. رَمَاضِنة1 87899. رَمَاطي1 87900. رُمَاعٌ1 87901. رُمّاغُ1 87902. رُماغٌ1 87903. رِمَال1 87904. رمال1 87905. رَمَّال1 87906. رَمَّام1 87907. رُمَام1 87908. رمام1 87909. رُمّانُ1 87910. رَمّان1 87911. رُمَّانِيّ1 87912. رَمَّانيّ1 87913. رَمَاه على1 87914. رَمَايْسَة1 87915. رمبا1 87916. رمث16 87917. رَمَثَ1 87918. رَمَثَ 1 87919. رِمْثان1 87920. رَمْثَان1 87921. رِمْثَةُ1 87922. رمثن1 87923. رمثه1 87924. رمج7 87925. رَمِج1 87926. رَمَج1 87927. رَمَجَ 1 87928. رمجا1 87929. رَمْجَارُ1 87930. رَمْجان1 87931. رُمْحٌ1 87932. رمح15 87933. رَمَحَ2 87934. رُمح1 87935. رَمَحَ 1 87936. رمحس3 87937. رمخ4 87938. رُمَخ1 87939. رِمْخ1 Prev. 100
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ركن الشيء

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ركن الشيء: لغة، جانبه القوي. واصطلاحا، ما يقوم به ذلك الشيء من التقوم، إذ قوام الشيء ركنه لا من القيام، وإلا لزم أن يكون الفاعل ركنا للفعل والجسم ركنا للعرض والموصوف للصفة، ذكره ابن الكمال. وفي المفردات: ركن الشيء جانبه الذي يسكن إليه، ويستعار للقوة ومنه {أَوْ آوِي إِلَى رُكْنٍ شَدِيدٍ} . وأركان العبادة: جوانبها التي عليها مبناه وبتركها بطلانه. وفي المصباح: أركان الشيء: أجزاء ماهيته، قال: والغزالي جعل الفاعل ركنا في مواضع كالبيع والنكاح، ولم يجعله ركنا في مواضع كالعبادات والفرق عسير، ويمكن أن يفرق بأن الفاعل علة لفعله، والعلة غير المعلول، فالماهية معلولة، فحيث كان الفاعل متحدا استقل بإيجاد الفعل كما في العبادة وأعطي حكم العلة العقلية، ولم يجعل ركنا، وحيث كان الفاعل متعددا لم يستقل كل واحد بإيجاد الفعل بل يفتقر إلى غيره، فكان كل واحد من العاقدين غير عاقد، بل العاقد اثنان فكل واحد من المتبايعين مثلا غير مستقل، فبهذا الاعتبار بعد عن شبه العلة وأشبه جزء الماهية في افتقاره إلى ما يقومه فناسب جعله ركنا.
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