147153. يناير1 147154. ينْبت1 147155. ينبت2 147156. ينبث2 147157. يَنْبُذ1 147158. يَنْبُض1147159. ينبع2 147160. يَنْبُعُ1 147161. يَنْبُع1 147162. يَنْبُعَاوي1 147163. يَنْبُعِيّ1 147164. يَنْبُغُ1 147165. يَنْبَغِي .. أن تحج1 147166. يَنْبَغِي على1 147167. ينبوت1 147168. يَنْبُوتَةُ1 147169. يُنْبُوع1 147170. ينبيث1 147171. يَنَّةُ1 147172. يَنْتُج1 147173. ينتون1 147174. ينجا1 147175. ينجلس1 147176. يَنْجَلُوس1 147177. يُنجه1 147178. يَنْحات1 147179. يَنْحَت1 147180. ينخَ1 147181. ينخ3 147182. يَنْخَعُ1 147183. يَنْخُوبٌ1 147184. يَنْدَا1 147185. يَنْدَدُ1 147186. يندد1 147187. يَنْدِم1 147188. يَنْذُر1 147189. ينر1 147190. يَنْزَع1 147191. يُنْزَفُونَ1 147192. يَنْسِب1 147193. يَنْسُل1 147194. ينسلون1 147195. يَنْسُوعُ1 147196. يَنْسُوعَةُ1 147197. يَنْسُوه1 147198. يَنْسَى1 147199. ينشت1 147200. يَنَشْتَةُ1 147201. يَنْشِدَ1 147202. ينص1 147203. يَنصُوبُ1 147204. يَنْضَب1 147205. يَنْضُجُ1 147206. يَنْضَح1 147207. يَنْظُم1 147208. يَنَعَ3 147209. ينع15 147210. يَنْعَبُ1 147211. يَنْعُق1 147212. ينعق1 147213. يَنْعِهِ1 147214. ينعه1 147215. ينغضون1 147216. يُنْغِضُونَ1 147217. ينف1 147218. يَنَفَ 1 147219. يَنْفُر1 147220. يَنْفِضُ1 147221. ينق3 147222. يَنْقُبُ1 147223. يَنْقَسِم إلى1 147224. يَنْقِم على1 147225. يَنكِثُ1 147226. يَنْكِث1 147227. يَنْكَح1 147228. يَنْكِص1 147229. يَنْكَفُ1 147230. يَنكوبُ1 147231. ينكي دنيا1 147232. يَنْكِيرُ1 147233. ينم7 147234. يَنُمّ1 147235. يَنَمَ 1 147236. يَنْمَار1 147237. يَنْمِي1 147238. ينن1 147239. يَنهَاد1 147240. يَنْهَجُ1 147241. يَنْهُش1 147242. يَنْهِي1 147243. ينُور1 147244. يَنُورِي1 147245. يَنُوفُ1 147246. ينوفَةُ1 147247. يَنوقُ1 147248. يُنَوِّم1 147249. ينَيْرَ1 147250. ينيه1 147251. يه1 147252. يَهَّ 1 Prev. 100
«
Previous

يَنْبُض

»
Next
يَنْبُض
الجذر: ن ب ض

مثال: لازَالَ فيه عِرْق يَنْبُض
الرأي: مرفوضة عند الأكثرين
السبب: للخطأ في ضبط عين المضارع بالضمّ.
المعنى: يتحرَّك ويضطرب

الصواب والرتبة: -لازال فيه عِرْق يَنْبِض [فصيحة]-لازال فيه عِرْق يَنْبُض [صحيحة]
التعليق: الثابت في المعاجم أنَّ الباب الصرفيَّ للفعل «نَبَضَ» بالمعنى المذكور هو: «ضَرَب»؛ ومن ثمَّ تكون عينه مكسورة في المضارع. ويمكن تصحيح الضبط المرفوض استنادًا إلى رأي بعض اللغويين كأبي زيد وابن خالويه وغيرهما الذين يرون قياسية الانتقال من فتح عين الفعل في الماضي إلى ضمها أو كسرها في المضارع؛ ولشيوع التبادل بين بابي «ضَرَبَ» و «نَصَرَ» في العديد من القراءات القرآنية.
Learn Quranic Arabic from scratch with our innovative book! (written by the creator of this website)
Available in both paperback and Kindle formats.